परिचय देते हैं खुद का
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पुरानी शराफत की गलियों से
मिल जाए जो रस्ते पे कहीं
पिट पीछे कोसते हैं गालियों से
अब तो बस दिखावे का प्यार है
सब रंग झूठ मै समाये
कुछ अध्बुत सा जूठा संसार है।
मासूमियत के परदे को
चेहरे का नकाब बनाया
छुपी काली नियात को
काले चश्मों मै छुपाया
आलम ऐसा जैसे कितने बेकरार है
हरक़तों मै छुपी जलन की सिहाई
कुछ अद्भुत सा जूठा संसार है।
आपकी खुशियों से
खुद खूब जलानेगे
आया जो दुःख का बादल
मन ही मन खूब हसेंगे
ऐसा इनका खोखला ऐतबार है
इन्ह रिश्तो से बच के रहना
कुछ अद्भुत सा जूठा संसार है।
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