झु के भी कुछ अनछुई सी
मासूम सी कुछ, तो कुछ छुई मुई सी
ऐसी अनोखी होती हैं बाते प्यार की
एक पल भी भारी लगे बिन तेरे
काटे ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
मुस्कान मै बस तेरा जीकर है
दर्द भरे अस्सुओ मै तेरी फिकर है
बेखुद यादें होती है ऐतबार की
चाहा के भी गुजरे न दो पल.. जाने क्यों
काटें ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
शांत कभी तो कभी हलचल मचाये
सुकून है कभी.. तो बेवजह कभी तडपाए
ऐसी सी होती है सुबह इश्क-के-करार की
जब गुजरोगे इश हाल से.. तब होगा एहसास क्यों ना
काटे ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
copyright, All Rights Reserved 2013, Richa Gupta
मासूम सी कुछ, तो कुछ छुई मुई सी
ऐसी अनोखी होती हैं बाते प्यार की
एक पल भी भारी लगे बिन तेरे
काटे ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
मुस्कान मै बस तेरा जीकर है
दर्द भरे अस्सुओ मै तेरी फिकर है
बेखुद यादें होती है ऐतबार की
चाहा के भी गुजरे न दो पल.. जाने क्यों
काटें ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
शांत कभी तो कभी हलचल मचाये
सुकून है कभी.. तो बेवजह कभी तडपाए
ऐसी सी होती है सुबह इश्क-के-करार की
जब गुजरोगे इश हाल से.. तब होगा एहसास क्यों ना
काटे ना कटती सदियाँ इंतज़ार की।
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